पिता ने
पुत्र का कान ऐंठा
और कहा
सुनो बेटा
मन लगाकर पढ़ोगे
तो
निश्चित ही
मेरी तरह डॉक्टर बनोगे
पुत्र बोला
ठीक है
लेकिन
यह तो बताओ
मैं कौन-सा रास्ता चुनुं ?
दिल का डॉक्टर बनूं
या
दाँत का डॉक्टर बनूं
देते हुए सलाह
अनुभवी पिता ने कहा
बेटा
एक बात का ध्यान रखना
केवल
दाँत का डॉक्टर ही बनना
जिज्ञासावश
पुत्र फिर बोला
दाँत का ही क्यों ?
दिल का क्यों नहीं ?
पिता ने कहा
बेटा
ऐसी कोई बात नहीं है
दरअसल ऐसा होता है
दाँत के केस में
कोई रिस्क नहीं होता है
क्योंकि
दाँत तो बत्तीस होते हैं
लेकिन
दिल एक ही होता है ।
बुधवार, 17 मार्च 2010
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें