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मंगलवार, 21 अगस्त 2012

अम्मा-बाबूजी

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घर की ढेरों चीजें
जो व्यवस्थित रखी हैं
अपने-अपने स्थान पर
फिर भी
हम भूल जाते हैं
रखकर उन्हें
दो ही लोग निभाते हैं केवल
इस जिम्मेदारी को
अम्मा और बाबूजी
जो
आज हमारे साथ हैं
समय बीतते
साथ छोड़ दिया दोनों ने
अब हम
चीजों की जगह
अम्मा और बाबूजी को भूलने लगे हैं
घर की चीजें
जो यहां-वहां पडी‌ हैं
उन्हें संभालना अब
हमारी जिम्मेदारी है
बंटवारे में
हमारे हिस्से में मिली चीजों को
संभालकर रखने में निकल जाता है आधा दिन
अब वह
सबकी नहीं बल्कि
केवल हमारी सम्पत्ति का हिस्सा हैं।

मंगलवार, 14 अगस्त 2012

स्वतंत्रता दिवस

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मैंने मित्र से पूछा
क्या बात है
हमसे छुप रहे हो
बहुत खुश दिख रहे हो?
मित्र बोला-
हाँ
मैं आज बहुत खुश हूँ
इसलिए
देशभक्ति के गीत गा रहा हूँ
और
स्वतंत्रता दिवस मना रहा हूँ
मैंने कहा
लेकिन
आज तो स्वतंत्रता दिवस नहीं है!
मित्र बोला
यह सही है
कि
आज स्वतंत्रता दिवस नहीं है
लेकिन-
मुझे इस बात का गम नहीं है
क्योंकि
पत्नी का मायके जाना भी
किसी
स्वतंत्रता दिवस से कम नहीं है।

रविवार, 12 अगस्त 2012

पथप्रदर्शक

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हे धार्मिक पथप्रदर्शक
बिना संदेश दिए
बिना कुछ कहे
उठकर, कहां चल दिए

कहीं तुम
विश्राम तो नहीं करना चाहते हो
या
सृष्टि का अंत तो नहीं होने वाला
अथवा
महाप्रयाण की इच्छा है

हे मार्गदर्शी
तुम्हारे साथ
संवाद, संबोधन और सामीप्य ने
हमें
अब तक जीवित रखा
लेकिन
तुम्हारे प्रस्थान से संभव है
हम
कल की सुबह शायद न देख पाएं
इसलिए
तुम्हें नमन।