तुम
चर्चित हो
कौन नहीं जानता तुम्हें
लोग जाते हैं देखने
तुम्हारी प्रदर्शिनी
जहां होता है केवल
नारी अंगों का प्रदर्शन
तुमने
जगतजननी नारी को निर्वस्त्र दिखाया है
उसके वास्तविक उभार और
परिपक्वता का
चरित्र हनन किया है
क्या यह
कोई अन्वेषण है तुम्हारा ?
अशोभनीय प्रदर्शन
विवश करता है सोचने को
कि
क्या तुम्हें भी
एक नारी ने ही जन्म दिया है ?
मुझे तो लगता है
तुमने
किसी नारी नहीं
अपितु अपनी
माँ, बहिन और
बेटी को ही
अपने हाथों निर्वस्त्र किया है
वह तुम्हारी माँ ही है
क्योंकि
स्तनों का उभार तो
तुमने अपने शिशुकाल में
माँ द्वारा कराए गए
स्तनपान के समय ही देखा था
नारी के अविकसित अंगों की
समय से पहले परिपक्वता को दर्शाना
तुमने
अपने सामने बड़ी हो रही
बहिन को देखकर ही किया है
अपनी माँ और बहिन का ही चित्रण किया है ना
बोलो !
अब इसके बाद
अपनी पत्नी और बेटी का भी
क्या ऐसा ही प्रदर्शन होगा ?
ये सामने की तस्वीर
जिसमें लड़की की नाभि और
लगभग पूरी खुली हुई टांगे
कंधों से उतरता बड़े गले का टॉप
यह सब तो
पश्चिमी सभ्यता की पक्षधर
तुम्हारी प्यारी बिटिया को ही तो पसंद है
बोलो !
क्यों चुप हो
पश्चाताप से झुका हुआ सिर
तुम्हारी स्तबधता और
बंधी हुई बत्तीसी देखकर
मैं समझ गया
कि
अब तुम कुछ नहीं बोलोगे
क्योंकि
जड़ हो गए हो।
चर्चित हो
कौन नहीं जानता तुम्हें
लोग जाते हैं देखने
तुम्हारी प्रदर्शिनी
जहां होता है केवल
नारी अंगों का प्रदर्शन
तुमने
जगतजननी नारी को निर्वस्त्र दिखाया है
उसके वास्तविक उभार और
परिपक्वता का
चरित्र हनन किया है
क्या यह
कोई अन्वेषण है तुम्हारा ?
अविकसित शरीर में
विकसित अंगों काअशोभनीय प्रदर्शन
विवश करता है सोचने को
कि
क्या तुम्हें भी
एक नारी ने ही जन्म दिया है ?
मुझे तो लगता है
तुमने
किसी नारी नहीं
अपितु अपनी
माँ, बहिन और
बेटी को ही
अपने हाथों निर्वस्त्र किया है
जिस स्त्री के स्तनों का
उभार तुमने दिखाया हैवह तुम्हारी माँ ही है
क्योंकि
स्तनों का उभार तो
तुमने अपने शिशुकाल में
माँ द्वारा कराए गए
स्तनपान के समय ही देखा था
यह भी समझ आ रहा है
किनारी के अविकसित अंगों की
समय से पहले परिपक्वता को दर्शाना
तुमने
अपने सामने बड़ी हो रही
बहिन को देखकर ही किया है
सच-सच
बताओ ?
तुमनेअपनी माँ और बहिन का ही चित्रण किया है ना
बोलो !
अब इसके बाद
अपनी पत्नी और बेटी का भी
क्या ऐसा ही प्रदर्शन होगा ?
ये सामने की तस्वीर
जिसमें लड़की की नाभि और
लगभग पूरी खुली हुई टांगे
कंधों से उतरता बड़े गले का टॉप
यह सब तो
पश्चिमी सभ्यता की पक्षधर
तुम्हारी प्यारी बिटिया को ही तो पसंद है
बोलो !
क्यों चुप हो
पश्चाताप से झुका हुआ सिर
तुम्हारी स्तबधता और
बंधी हुई बत्तीसी देखकर
मैं समझ गया
कि
अब तुम कुछ नहीं बोलोगे
क्योंकि
जड़ हो गए हो।