स्त्री
दीवार पर जबरदस्ती ठोकी
गयी
वो कील है
जिसपर
कोई भी
अपनी इच्छाओं का
धुला-बिना धुला
फटा-उधड़ा
गंदा-साफ
या
नया-पुराना
कपड़ा टांगकर चला जाता है
पता नहीं
एक स्त्री के द्वारा
इतना सबकुछ कैसे सहा
जाता है ?
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें