गाँधी जी का चित्र
डाक टिकिट पर छ्पा हुआ
जब
डाकखाने से निकला
तो
सर्वप्रथम काला हुआ
लगता था पिटा हुआ
तत्पश्चात
मैं
यह सोचने पर मजबूर हुआ
क्या यही हैं
राष्ट्रपिता।
सोमवार, 17 अक्टूबर 2011
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(कवि, लेखक एवं समीक्षक)
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