एक स्त्री को देखते ही
कामांध पुरूष
करता है उसकी देह का
गंदा मानसिक चित्रण
और
समा जाता है उसके मन
में
गंदे विचारों का ढेर
सारा कचरा
तब सोचिए
एक पुरूष
अपनी सोच और विचारों से
क्यों नहीं जीत पाता है
क्योंकि
उसका मस्तिष्क
ओछे विचारों की गंदगी से
भरी
डस्टबिन हो जाता है।
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